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Army Officer Took Up Farming after Retirement

Vikas-Gosain---Hindi18

सेना से रिटायर होकर शुरू की प्राइवेट नौकरी, फिर लिया खेती करने का फैसला, सालाना कमा रहे हैं 9-10 लाख

देहरादून: क्या आपने कभी सोचा है कि आप रिटायर होने के बाद क्या करेंगे? देहरादून के रहने वाले (ले.) कर्नल विकास गुंसाई ने तो खेती-किसानी करने का फैसला लिया. आज वो अलग-अलग तरीकों से किसानी से जुड़े हैं और अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं. आइए जानते हैं उनके इस खास आइडिया के बारे में.

सालाना कमा रहे हैं 9-10 लाख
लोग अब खेती-किसानी के आउट ऑफ सिलेबस समझते हैं. शहरों की तरफ जाते युवाएं भी अपना भविष्य खेती कर नहीं बनाना चाहते. खेती से दूर होते युवाओं को जोड़ने के लिए पौड़ी के चौबट्टाखाल के (ले.) कर्नल विकास गुंसाई काम कर रहे हैं. गांव के युवाओं-किसानों को वो खेती की नई तकनीकों के बारे में बताते हैं. वहीं, वह खुद भी ऑर्गेनिक खेती करते हैं. वह काली हल्दी, मैंगो जिंजर, आमला, आम समेत कई चीज़ों को उगा रहे हैं. इन चीज़ों की प्रोसेसिंग करके स्थानीय महिलाएं मुरब्बा, आचार और कई तरह के उत्पाद बना रहीं हैं. उनकी हल्दी विदेशों तक मे भेजी जाती है. वह कम से कम 9 से 10 लाख रुपये सालाना रुपये कमा लेते हैं.

इस वजह से लिए पहाड़ों पर रहने का फैसला
देहरादून के रहने वाले (ले.) कर्नल विकास गुंसाई ने बताया कि उन्होंने 1983-84 में एनडीए एग्जाम पास किया था. इसके बाद उन्होंने 21 साल सेना में अपनी सेवाएं दी. कारगिल युद्ध के दौरान वह बटालिक सेक्टर में थे. साल 2011 में उन्होंने प्रीमेच्योर रिटायरमेंट ले ली और फिर प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने लगे. दिल्ली की शहरी जिंदगी में उन्हें  सुकून नहीं मिला. तो वह अपने पहाड़ की मिट्टी की ओर लौट आए. यहां उन्होंने फार्मिंग शुरू कर दी. खेती करना बहुत मुश्किल है, उन्हें सीखने में बहुत वक्त लगा. लेकिन उन्होंने सीख लिया. पहले उन्होंने लौकी, बैगन, कद्दू, तोरई जैसी सब्जियों को उगाना शुरू किया. लेकिन आज वह कई तरह की अलग-अलग सब्जियों और मेडिसिनल प्लांट लगाते हैं. इसमें काली हल्दी, मैंगो जिंजर, सफेद करेला, बैंगनी भिंडी जैसी क़ई सब्जियां और औषधीय पौधे उगाते हैं.

खेती में जुट जाता है पूरी परिवार
विकास गुंसाई बताते हैं कि सिर्फ वही नहीं, उनके परिवार के छोटे बच्चे भी खेतीबाड़ी से जुड़े हैं. जब वह सरसों लगाते हैं,उन्हें काटने के लिए परिवार के बच्चों को तक बुला लेते हैं. समय-समय पर वहां जाकर बच्चों को खेती के कई पहलुओं से रूबरू करवाते हैं. इतना ही नहीं पहाड़ के जो युवा खेती में रुचि नहीं लेते हैं,  वह भी इस तरह के नए पौधों की ओर रुचि लेते हुए उनसे इनकी तकनीक सीखते हैं.

Credits: https://hindi.news18.com
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This article is originally published in https://hindi.news18.com and has been written by Hina Azmi.
https://hindi.news18.com/news/agriculture/army-retired-karnal-vikas-gunsai-is-doing-farming-in-uttarakhand-know-his-story-8606824.html

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